Best Eid poetry | Sad eid poetry | Urdu poetry | hindi poetry
اب خدا جانے کہاں ان کے ٹھکانے ہوں گے
جو میرے ساتھ کبھی عید کیا کرتے تھے ۔۔!
अब भगवान जानते हैं कि उनका
निवास कहाँ होगा जो मेरे साथ ईद मनाते
थे ...!
کاش میں چاند رات کو مر جاؤں
کاش میں چاند رات کو مر جاؤں
اور تو عید کی صبح
میرے گلے لگنے کو ترسے
काश मैं चांदनी रात में मर जाता काश मैं
चांदनी रात में मर जाता और ईद की सुबह
मुझे गले लगाने से डरो मत
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